Cmr Study Reveals That 79 Percent Consumers Re Considering Their Whatsapp Usage In India – Whatsapp पर अभी भी कायम है भारतीयों का भरोसा, महज 28% यूजर्स ही छोड़ना चाहते हैं एप
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सार
- 55 फीसदी व्हाट्सएप यूजर्स स्टोरेज की समस्या से परेशान
- 50 फीसदी लोगों को मिलते हैं अनजान नंबर से मैसेज
- टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन करने वाले 71 फीसदी लोग सुरक्षित महसूस करते हैं
- हर रोज 50 फीसदी व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर यूजर्स के पास स्पैम मैसेज आते हैं
- 73 फीसदी यूजर्स कानूनी कार्रवाई को लेकर असहाय महसूस करते हैं
विस्तार
साइबर मीडिया रिसर्च (CMR) के नए सर्वे के मुताबिक भारत के 79 फीसदी यूजर्स WhatsApp की सेवाएं जारी रखने के लिए पुनर्विचार कर रहे हैं, जबकि 28 फीसदी यूजर्स ऐसे हैं जो व्हाट्सएप को छोड़ना चाह रहे हैं। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि
CMR ने सर्वे के लिए के लिए लोगों से ‘take it or leave it policy’ सवाल पूछा था जिस पर 49 फीसदी लोगों ने गुस्से वाली इमोजी दी, 45 फीसदी ने कहा कि वे कभी व्हाट्सएप पर भरोसा नहीं सकते, 35 ने कहा कि कंपनी ने उनका भरोसा तोड़ा है और 10 फीसदी लोग ऐसे हैं जिन्हें नई पॉलिसी से कोई लेना-देना नहीं है।
इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप (IIG), CMR के हेड प्रभु राम ने कहा, ‘हम यूजर्स की गोपनीयता, सुरक्षा और ब्रांड भरोसा के बीच खड़े हैं। यूजर्स के लिए व्हाट्सएप उनका एक फ्री का निजी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म था, लेकिन फेसबुक के साथ व्हाट्सएप का हाथ मिलाना लोगों के भरोसे को तोड़ा है। मेरा मानना है कि सोशल नेटवर्किंग एप पर शिफ्टिंग क्षणिक नहीं है, हालांकि पिछले कुछ सालों ने टेलीग्राम पर लोगों की शिफ्टिंग अधिक हुई है।’
सर्वे में शामिल 41 फीसदी लोगों ने कहा है कि व्हाट्सएप को छोड़कर Telegram पर जाना चाहते हैं, वहीं 35 फीसदी ने कहा कि वे Signal एप को इस्तेमाल करेंगे। सर्वे में शामिल 10 फीसदी लोग सिग्नल का इस्तेमाल कर रहे हैं। सर्वे में शामिल अधिकतर लोगों का मानना है कि व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर तब सुरक्षित नहीं रह जाते हैं जब चैट का बैकअप किसी थर्ड पार्टी क्लाउड प्लेटफॉर्म जैसे गूगल ड्राइव और आईक्लाउड पर जाते हैं।
चैट बैकअप के मामले में टेलीग्राम के क्लाउड पर 49 फीसदी लोगों का भरोसा कायम है। बता दें कि CMR का यह सर्वे देश के आठ शहर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलूरू, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद में किया गया है। सर्वे में 1500 लोगों से सवाल पूछे गए गए हैं।