टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 24 Dec 2020 12:42 PM IST
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अब फेसबुक ने बड़ा कदम उठाते हुए एपल के फेसबुक पेज का वेरिफिकेशन हटा दिया है, हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि किस कारण से फेसबुक ने यह फैसला लिया है। फेसबुक पर तमाम बड़ी कंपनियों और ऑर्गेनाइजेशन के फेसबुक पेज ब्लू टिक के साथ वेरिफाइड हैं। एपल का इंस्टाग्राम पेज अभी भी ब्लू टिक के साथ वेरिफाइड है।
क्या है एपल का प्राइवेसी न्यूट्रिशन लेबल?
एपल के नए प्राइवेसी न्यूट्रिशन लेबल के तहत सभी डेवलपर्स को एप स्टोर पर अपने एप पब्लिश करने से पहले ही बताना होगा कि वह कौन-कौन सी सूचनाएं इकट्ठा करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो एपल के एप स्टोर से किसी एप को डाउनलोड करने से पहले ही आसान भाषा में उस एप की प्राइवेसी पॉलिसी आपको मिल जाएगी जिसमें डाटा कलेक्शन और एक्सेस समेत कई जानकारियां होंगी।
इससे यूजर्स को यह भी पता चल जाएगा कि कोई एप आपके किसी डाटा का क्या कर रहा है और किसी फीचर का एक्सेस क्यों ले रहा है। एपल का यह न्यूट्रिशन लेबल काफी हद तक फूड आइटम के पैकेट पर दिए गए न्यूट्रिशन लेबल की तरह ही है। नई पॉलिसी iOS, iPadOS, macOS, watchOS और tvOS के सभी एप्स पर लागू होगी। नई पॉलिसी एपल के इनहाउस एप्स पर भी लागू होगी।
फेसबुक को है आपत्ति
एपल की नई प्राइवेसी पॉलिसी से फेसबुक के स्वामित्व वाले एप व्हाट्सएप को आपत्ति है। व्हाट्सएप ने नई पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा है कि एपल का नया एप न्यूट्रिशन लेबल पक्षपातपूर्ण है। WhatsApp ने कहा है कि थर्ड पार्टी एप के लिए न्यूट्रिशन लेबल है लेकिन उन एप्स का क्या जो पहले से ही आईफोन में इंस्टॉल मिलते हैं, हालांकि एपल ने साफतौर पर कहा है कि नया नियम थर्ड पार्टी एप और एपल के एप सभी पर लागू होगा।
व्हाट्सएप का यह भी कहना है कि एपल का आईमैसेज एप स्टोर पर नहीं तो फिर एपल इसके साथ न्यूट्रिशन लेबल कैसे लगाएगा। एपल ने व्हाट्सएप के इस सवाल का भी जवाब दिया है और कहा है कि आईमैसेज का न्यूट्रिशन लेबल एपल की साइट पर देखा जा सकेगा।